शशांक पाठक
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श्री रामलीला सभा के तत्वावधान में मेघनाद वध एवं सुलोचना सती का मंचन रामलीला मैदान तत्पश्चात चित्रकूट लीला मंच पर किया गया ।

मेघनाद बदला लेने के लिए तत्पर होकर युद्ध को जाता है । वह पूरे रामा दल को नाग पाश में बाॅध देता है । जामवंत से उसका युद्ध होता है । नारद यह देखते हैं कि सर्वथा स्वतंत्र व बंधन मुक्त रहने वाले प्रभु अपनी नरलीला करने के कारण नाग पाश में बॅधे पड़े हैं । नारद गरुड़ जी से बंधन मुक्त करने को कहते हैं । गरुड़ जी वहाॅं पहुंच कर नाग पाश से मुक्ति दिलाते हैं ।
राम की आज्ञा पाकर लक्ष्मण मेघनाद से युद्ध कर उसका वध कर देते हैं मेघनाद की पत्नी सुलोचना को दासी बताती है कि उसके आँगन में आभूषण युक्त पुरुष की भुजा कटी पड़ी है । सुलोचना उस भुजा को पहचान लेती है कि यह उसके पति की भुजा है, लेकिन उसको विश्वास नहीं होता है, वह भुजा से कहती है कि यदि यह मेरे पति की भुजा हो तो सारा हाल लिख कर दुविधा मिटा दे ।
भुजा सारा हाल लिख देती है । विलाप करती है व लंका पतिरावण के पास पहुॅच कर सारा वृत्तान्त बताती है । रावण स्वयं घोर युद्ध कर पुत्र का बदला लेने का आश्वासन देता है । तत्पश्चात वह मन्दोदरी के पास जाती है । मंदोदरी कहती है कि जो घटना लंका में घट रही है उसकी भविष्यवाणी नारद मुनि मुझ से पहले ही कर गये हैं ।
सुलोचना रामा दल में पहुंच कर प्रभु राम को प्रणाम करती है । सुग्रीव मेघनाद का मस्तक सुलोचना को सौंपते हैं । सुग्रीव सन्देह प्रकट करते हैं कि कटी हुई भुजा ने कुछ लिखा होगा ? राम कहते हैं कि आपका यह कुतर्क अनुचित है पतिव्रता स्त्री बड़ी सामर्थवान होती है यह कटा हुआ मस्त कभी हॅसेेगा । सुलोचना मस्तक से हॅसने की कहती है मेधनाद का मस्तक खिल खिला कर हॅसता है । सुग्रीव का भ्रम समाप्त हो जाता है ।
सुलोचना प्रभु राम से निवेदन करती है कि वह अपने पति के साथ सती होने जा रही है । हे कृपालु आज के दिन आप युद्ध बन्द रखने की कृपा करें । श्री राम एवमस्तु कहते हैं और सुख पूर्वक अपने पति के साथ प्रभु के धाम जाने का आशीर्वाद देते हैं ।
प्रसाद सेवा नितिन सर्राफ भगवती ज्वैलर्स द्वारा की गई।
लीला में गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी, जयन्ती प्रसाद अग्रवाल, नन्दकिशोर अग्रवाल, जुगलकिशोर अग्रवाल, मूलचन्द गर्ग, प्रदीप सर्राफ पी.के., विजय सर्राफ किरोड़ी, शैलेष सर्राफ, अजय मास्टर, पं0 शशांकपाठक, संजय बिजली, अनूप टैण्ट , हकीम, , राम गोपाल शर्मा, सर्वेश शर्मा , पं. अमित भारद्वाज,उमेश बिजली, गौरव अग्रवाल टेंट वाले, विष्णु शर्मा, आनंद शर्मा किस्सों आदि प्रमुख थे ।
02 अक्टूवर को सायं 4 बजे से अहिरावण व रावण वध लीला, अहिरावण-रावण पुतला दहन रामलीला मैदान में होगा ।