वंदना शर्मा, मथुरा
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संवारी जाएगी ब्रज की विरासत , 200 स्मारकों के संरक्षण की योजना
– उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की बैठक में प्रस्तुत हुई सर्वे रिपोर्ट, राजकीय भूमि वाले समारकों से शुरू होगा संरक्षण अभियान
भगवान श्रीकृष्ण की पावन भूमि ब्रज की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को अब नई संजीवनी मिलने जा रही है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने ब्रज के प्राचीन स्मारकों और धरोहर स्थलों के संरक्षण की दिशा में व्यापक योजना तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र की अध्यक्षता में परिषद सभागार में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में डिजायन एसोसिएट इंक द्वारा तैयार विरासत सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
विशेष अतिथि वास्तुकला अकेडमी के डीन प्रो संजय मेहरा, पुरातत्व संरक्षक सुरभि आनंद राय, वास्तुकर्ता मिस्टर अर्जुन, सुश्री सुहानी की मौजूदगी में आयोजित बैठक में विरासत सर्वे का प्रजेंटेशन डिजायन एसोसिएट से रिद्दमा बजाज ने दिया। बताया कि ब्रज के धार्मिक ग्रंथों और ऐतिहासिक दस्तावेजों के अध्ययन के अनुसार क्षेत्र में 870 विरासत स्मारक हैं। इनमें से 542 स्मारकों का भौतिक सत्यापन पूर्ण कर लिया है। सर्वेक्षण के दौरान इनमें से 220 स्मारकों को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, जिनमें से 200 स्मारक संरक्षण कार्ययोजना में सम्मिलित किए जाएंगे। इनमें 71 स्मारक सरकारी भूमि पर, जबकि 129 स्मारक निजी स्वामित्व या ट्रस्ट की भूमि पर स्थित हैं।
बैठक में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने कहा, “ब्रज की धरती का प्रत्येक स्थल अपने भीतर अनमोल इतिहास और भक्ति का संदेश समेटे हुए है। हमारी जिम्मेदारी है कि इन धरोहरों को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जाए। विरासत का संरक्षण केवल इमारतों का बचाव नहीं, बल्कि ब्रज की आत्मा को संरक्षित करना है।” उन्होंने कहा कि इस पहल से श्रद्धालु और पर्यटक ब्रज की प्राचीन संस्कृति से सीधे जुड़ सकेंगे। संरक्षण कार्य की शुरुआत प्राथमिकता के आधार पर राजकीय भूमि पर स्थित स्मारकों से की जाए। इसके बाद निजी या ट्रस्ट स्वामित्व वाले स्मारकों के संरक्षण के लिए तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाए।
बैठक में डिजायन एसोसिएट इंक के प्रतिनिधियों ने स्मारकों की वर्तमान स्थिति, आवश्यक मरम्मत और संरक्षण की प्राथमिकताओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी। साथ ही, प्रत्येक स्थल के ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक जुड़ाव को ध्यान में रखते हुए संरक्षण रणनीति की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
बैठक का संचालन करते हुए परिषद के पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा ने बताया कि संरक्षण का दायित्व परिषद के अंतर्गत गठित ब्रज शहरी विकास, धरोहर एवं परिस्थिति प्रबंधन प्रकोष्ठ को सौंपा जाएगा, जो इन स्मारकों के पुनर्निर्माण, सौंदर्यीकरण और रखरखाव की दिशा में योजनाबद्ध कार्य करेगा।
बैठक में ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह, नगर आयुक्त जग प्रवेश, अपर जिलाधिकारी वित्त पंकज वर्मा, परिषद के एसीईओ मदन चंद्र दुबे, उपजिलाधिकारी सदर अभिनव जे जैन, महावन कचन,
वैभव गुप्ता छाता, गोकुल चेयरमैन संजय दीक्षित, गोवर्धन
मनीष लम्बरदार, रामफल राधाकुंड,भीम चौधरी नंदगांव, पदम् फौजी बरसाना आदि मौजूद रहे।
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ब्रज क्षेत्र में वर्तमान में 19 स्थल राज्य पुरातत्व विभाग से संरक्षित हैं, जबकि 42 स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन हैं। इसके अलावा ब्रज में अनेक धार्मिक और पौराणिक विरासत स्थल हैं, जो संरक्षण के अभाव में जर्जर व उपेक्षित होते जा रहे हैं। ब्रज तीर्थ विकास परिषद की योजना है कि इन महत्वपूर्ण विरासत स्थलों को परिषद के स्तर से संरक्षित किया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इच्छा के अनुरूप ब्रज की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और विकसित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस पहल से न केवल ब्रज की ऐतिहासिक धरोहरों को नया जीवन मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी नई गति मिलने की उम्मीद है।