मनोज चौधरी, मथुरा
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मथुरा। मथुरा-वृंदावन नगर निगम की बोर्ड बैठक गुरुवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई। महापौर विनोद अग्रवाल की अध्यक्षता में चल रही बैठक के दौरान पार्षद कुलदीप पाठक और धनंजय के बीच तीखी नोकझोंक ने देखते ही देखते हाथापाई का रूप ले लिया। महापौर के खिलाफ नारेबाजी को लेकर दोनों पार्षदों के बीच तनातनी हो गई, जिससे बैठक कुछ समय के लिए बाधित हो गई।
विवाद के बीच सबसे अधिक चर्चा का विषय रहा कान्हा गोशाला को संचालन के लिए दान में दिए जाने का प्रस्ताव, जिसका पार्षद नीलम गोयल ने कड़ा विरोध किया।

उन्होंने आशंका जताई कि इससे निगम की सैकड़ों करोड़ रुपये मूल्य की भूमि निजी हाथों में चली जाएगी। उन्होंने मांग की कि इस प्रस्ताव को तत्काल निरस्त किया जाए।
इसी तरह यमुना के प्रदूषित जल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में आपूर्ति किए जाने के प्रस्ताव को भी पार्षदों ने खारिज कर दिया। पार्षदों ने सवाल उठाया कि जब जल निगम की ओर से पहले से ही पेयजल आपूर्ति की जा रही है, तो दोहरी योजना क्यों बनाई जा रही है।
हंगामे और विरोध के बीच बैठक में विकास कार्यों से जुड़े कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इन प्रस्तावों में सड़कों के मरम्मत कार्य, स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत, और कुछ नए नालों के निर्माण शामिल हैं।
बैठक में महापौर विनोद अग्रवाल के साथ नगर आयुक्त जगप्रवेश, उपसभापति मुकेश सारस्वत, और उपनेता बालकिशन, तिलक वीर चौधरी समेत अधिकारी और पार्षद मौजूद रहे।