
रोहित चौधरी,
आदित्य मंगल न्यूज, मथुरा : किसानों ने भी बाजार की मांग को भाप कर खेती करना शुरू कर दिया है। वे अब गेहूं, धान, ज्वार, बाजरा, मक्का और गन्ना की परंपरागत खेती के बंधन में बंध कर नहीं रहना चाहते है। वह अपने खेतों पर विदेशी फलों का उत्पादन करने लगे है। गर्मियों में थाईलैंड का बेल भी अब लोगों को स्थानीय बाजार में मिलने लगेगा। तहसील महावन के गांव आंगई में इसका उत्पादन किया जा रहा है। यहां की जलावायु अर्द्ध शुष्क है। ऊष्ण जलवायु में किसान अपनी मेहनत से विदेशी फलों की खेती कर रहे हैं और उसमें सफल भी हो रहे है। गांव आंगई के किसान सौदान सिंह ने अपने खेतो ंपर थाईलैंड में पैदा होने वाले बेर, अमरूद और बेल के लगाया है। महाराष्ट्र के पूणे शहर से अनार के पौधे ला कर रोपे है। इसी तरह से विकास खंड राया के किसान रूकमपाल सिंह ने भी अपने खेतों पर विदेशी फल के पौधे लगाए है। किसानों का कहना है कि यहां की जलवायु में थाई प्रजाति के बेर, बेल और अमरूद भी खूब हो रहा है। थाई बेर की खेती तो महीन में तैयार हो जाती है। देसी और थाई प्रजाति के बेर में अंतर है।
-अमरूद की खेती पर उद्यान विभाग से किसानों को अनुदान मिलता है। यहां थाई प्रजाति के अमरूद किसान पैदा कर रहे हैं।-मनोज चतुर्वेदी जिला उद्यान अधिकारी