अमृत काल का बजट, विपक्ष के लिए निराशाजनक
बुद्धिजीवी बोले, बुनियादी ढांचे को मिलेगी स्थिरता, रोजगार के बढ़ेंगे अवसर
मथुरा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश किए बजट 2023-24 में समावेशी विकास को वरीयता दी गई है। जो अंतिम मील तक पहुंचेगा। बुनियादी ढांचा मजबूत होगा। हरित विकास को एक नई दिशा मिलेगी। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और महिलाएं सशक्त बनेंगी। चिकित्सा सेवाएं भी बेहतर होंगी। विपक्ष की नजर में ये बजट खोखला है। जो किसान, गरीब, मजदूर और व्यापारी विरोधी है। पूरा बजट पूंजीपतियों के लिए बनाया गया है।
-इनकम टैक्स का होगा सरलीकरण : इनकम टैक्स में दो तरह की स्लैब है। सरकार की मंशा पुरानी स्लैब को खत्म कर नई स्लैब को लाने की है। इसमें आयकर में सात लाख रुपये तक पर छूट दी गई है। इनकम टैक्स के जो लंबित विवाद हैं, उनके निस्तारण के लिए सौ ज्वाइंट कमिश्नर नियुक्त करने को कहा गया है। इनकम टैक्स के सरलीकरण के प्रयास किए गए हैं।
-रोहित कपूर, सीए
-रोजगार के मिलेंगे अवसर : इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा से रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। अभी तक पांच लाख से कम पर कोई टैक्स नहीं था, लेकिन इसे बढ़ाकर अब सात लाख रुपये किया गया है। हालांकि, बचत योजनाओं पर कोई भी छूट नहीं दी गई है। वरिष्ठ जनों की जमा योजना में जमा सीमा को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर तीस लाख रुपये कर दिया गया है। इससे बुजुर्गों को राहत मिलेगी।-संजीव कुमार, सीए
-पुरानी व्यवस्था होगी हतोत्साहित: -बजट में कर की पुरानी व्यवस्था को हतोत्साहित करने की व्यवस्था बजट में की गई है। इस बजट से साफ है कि सरकार कर की एक व्यवस्था लाना चाहती है। इससे बचत कम होगी, लेकिन उपभोग बढ़ेगा। इससे देश की उन्नति होगी। भारतीय जीवन बीमा निगम में अधिक धनराशि की रिसीट को टैक्स में शामिल किए जाने से सरकार को राजस्व मिलेगा और विकास होगा।-संजय कुमार, सीए
-महिलाएं होंगी सशक्त: महिलाओं के लिए एक नई जमा योजना की शुरुआत की गई है। महिला सम्मान पत्र में उनको साढ़े सात प्रतिशत की ब्याज दी जाएगी। अन्य बचत योजनाओं में ब्याज दर कम है। इसलिए पहले महिलाओं को कम लाभ मिल पाता था, पर इस योजना से उनको अधिक लाभ होगा। महिलाएं भी सशक्त हो जाएंगी। महिला सशक्तीकरण को नई दिशा भी मिलेगी। यह सरकार का बेहतर कदम है।-शैली शाह, गृहिणी
-मजबूत होगी अर्थव्यवस्था:-यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला है। टैक्स स्लैब में जो बदलाव किया गया है, उससे बचत होगी। जब लोगों के पास धनराशि होगी तो वह आवश्यक वस्तुओं की खरीद करेंगे। इससे धनराशि बाजार में आएगी। धनराशि का सर्कुलेशन होने से विकास होगा। देश की विकास दर में भी वृद्धि होगी। इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बजट में जो प्रविधान किया गया है। उससे रोजगार भी बढ़ेगा।-प्रोफेसर तेजपाल सिंह, अर्थशास्त्र केआर डिग्री कालेज
-कम होगा टैक्स का बोझ:-बजट में जो प्रविधान किए गए हैं, उससे देश में विकास के नए रास्ते खुलेंगे। पर्यटन के विकास पर सरकार ने फोकस किया है। विदेशी सैलानी यहां आएंगे, तो विदेशी मुद्रा का भंडार मजबूत होगा। मध्यम वर्ग का भी बजट में ख्याल रखा गया है। इनकम टैक्स की स्लैब बढ़ाकर सरकार ने लोगों के ऊपर पड़ने वाले बोझ को कम किया है। कुल मिलाकर सरकार ने सभी वर्गों के हित का ध्यान रखते हुए बजट पेश किया है।-राजेश गौतम, रिटायर प्रोफेसर केआर कालेज
-नौकरीपेशा लोगों का फायदा : सर्विस क्लास के दृष्टिकोण से बजट बेहतर है। उनको काफी राहत दी गई है। नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोजगार सृजन को गति प्रदान करने वाला बजट है। इससे व्यापक आर्थिक स्थिरता मजबूत होगी। समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर बजट प्रस्तुत किया गया है। गरीब वर्ग के लिए राशन व्यवस्था को दो लाख करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया गया है।-डा. सुमन अग्रवाल समाजशास्त्री, रिटायर प्राचार्य बीएसए कालेज
-स्वास्थ्य सेवाएं होंगी बेहतर : सरकार ने बजट में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किए जाने की दिशा में भी कदम बढ़ाया है। बजट में 157 मेडिकल कालेज के साथ में 157 नए नर्सिंग कालेज स्थापित किए जाएंगे। इससे नर्सिंग की जो कमी थी। वह पूरी होगी। और स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर हो जाएंगी। मोटे अनाज को लेकर सरकार ने जो ध्यान केंद्रित किया है। उससे लोगों का स्वास्थ्य सही रहेगा।-डा. आशीष गोयल, फिजीशियन
-गरीबों को उपचार में मिलेगी राहत : बजट में गरीबों को बीमारियों का उपचार कराना और भी आसान हो जाएगा। वित्त मंत्री ने आयुष्मान भारत योजना में बजट को 6200 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7200 करोड़ रुपये कर दिए हैं। सीधे-सीधे एक हजार करोड़ की बढ़ोतरी की गई है। इसलिए आयुष्मान भारत योजना का लाभ अधिक से अधिक गरीबों को मिलेगा। निजी क्षेत्र में भी स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने पर बजट में जोर दिया गया है।-डा. गौरव भारद्वाज, फिजीशियन
-बढ़ेंगे लघु एवं सूक्ष्म उद्योग: बजट को औद्योगिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने का काम किया है। जो उद्योग कोरोना काल में प्रभावित हुए थे, वे अब उबर जाएंगे। टैक्स दरों में जो छूट दी गई है, इससे कारोबारी को राहत मिलेगी। इसके लिए नौ हजार करोड़ रुपये का प्रविधान बजट में किया गया है। नए उद्योग खुलने से रोजगार भी बढ़ेगा।-राजेश बजाज, अध्यक्ष नेशनल चैंबर आफ कामर्स
-जनता के हित का बजट : वित्त मंत्री ने जो बजट प्रस्तुत किया है, वह जनता के हित का बजट है। इसमें रोजगार के अवसर देने के लिए सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया है। जब इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा तो रोजगार भी मिलेगा। लोग दैनिक वस्तुओं की खरीद करेंगे तो उद्योगों भी प्रगति के पथ पर बढ़ेंगे।-ओमवीर सारस्वत, अधिवक्ता
-सभी का रखा ख्याल: सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार का बजट है। गरीब मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में दो लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी। अंत्योदय योजना में गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न देने की भी व्यवस्था एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई है। इससे गरीब का कल्याण होगा। किसान और व्यापारियों के हित में भी बजट में कई घोषणा की गई है।-शिवराम तरकर, जिला शासकीय अधिवक्ता
-शिक्षा पर नहीं दिया ध्यान : सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू कर दी है। इसके अनुसार संसाधनों की आवश्यकता भी अधिक बढ़ गई है। मगर बजट में इसके अनुसार धनराशि का प्रविधान नहीं किया गया है। बजट में कुल जीडीपी का दस प्रतिशत शिक्षा पर खर्च होना चाहिए है, जो नहीं किया जा रहा है। सरकार का जोर शिक्षा निजीकरण पर है। इससे गरीब वर्ग के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में दिक्कतें आएंगी।-ललित मोहन शर्मा, प्राचार्य बीएसए कालेज
-किसानों को नहीं मिला कुछ : सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने का वायदा किया था। फसलों की लागत में कमी नहीं आएगी और किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य नहीं मिलेगा। तब किसानों को कल्याण नहीं होगा। आज किसान डीजल पर निर्भर हैं। इस पर किसानों को सब्सिडी दिए जाने पर सरकार को बजट में प्रविधान करना चाहिए, जो नहीं किया गया।-ओमप्रकाश सिंह, विकासशील किसान कारब
-पूंजीपतियों का बजट : ये बजट पूंजीपतियों का बजट का है। इसमें किसान, गरीब, मजदूर और व्यापारियों के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार आंकड़ों की बाजीगरी करके किसानों को गुमराह कर रही है। खाद, बीज और कीटनाशकों पर किसानों को अधिक सब्सिडी दी जानी चाहिए, जो नहीं दी गई है। आज तक किसानों को गन्ना का मूल्य घोषित नहीं किया गया है। डीजल पर किसानों को कोई राहत नहीं दी गई।-राजपाल सिंह भरंगर, रालोद जिलाध्यक्ष
-दो लोगों के लिए बजट : पूंजीपति और उद्योगपतियों का बजट है। हम दो और हमारे दो के आधार पर बजट प्रस्तुत किया गया है। किसान, मजदूर, दलित और पिछड़े वर्ग के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। बेरोजगारी को दूर करने के लिए कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है। महंगाई पर कोई नियंत्रण करने के लिए कुछ नहीं किया गया है। पहले से ही जनता महंगाई से त्रस्त थी और आगे भी रहेगी।-भगवान सिंह वर्मा, जिलाध्यक्ष कांग्रेस
-बजट पूरी तरह से खोखला है। आगामी चुनाव को लेकर बजट पर फोकस किया गया है। किसान और नौजवानों के लिए कुछ नहीं दिया गया है। लघु और सूक्ष्म उद्योगों को कुछ भी नहीं दिया गया है। वर्ष 2022 में जो घोषणा की गई थी, आज तक वह पूरी नहीं हो सकी है।-लोकमणि जादौन, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी
-सोने-चांदी की तस्करी को मिलेगा बढ़ावा: बजट से सोने चांदी के कारोबारियों को निराशा ही हाथ लगी है। चांदी पर आयात कर बढ़ा दिया गया है। इससे आज ही चांदी के रेट बाजार में बढ़ गए। कारोबारी पहले से आयात कर पर छूट की मांग कर रहे थे। मगर इस पर टैक्स बढ़ा दिए जाने से सोने और चांदी की तस्करी को बढ़ावा मिलेगा। आज आदमी की पहुंच से भी दोनों धातु दूर हो जाएंगी।-राजेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष इंडियन बुलियन एसोसिएशन
-बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक ध्यान दिया गया है। लघु और सूक्ष्म उद्योग को बढ़ावा दिया गया। रेलवे के लिए 2.40 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई है। महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देने का काम हुआ है। पुराने खाते जो एनपीए हो गए थे, उनको चालू किया जाएगा। हरित क्रांति के लिए बजट में प्रविधान किया गया है। मिलेट और रिसर्च सेंटर भी खोले जाएंगे।-विनोद अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष भाजपा
-रियल एस्टेट को नहीं मिली राहत : रियल एस्टेट इंडस्ट्रीज के लिए बजट में कोई घोषणा नहीं की गई। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना को आगे जारी रखने के लिए कहा है। इसका लाभ मध्यम वर्ग को मिलेगा। बजट में रियल एस्टेट को इंडस्ट्रीज का दर्जा मिल सकता था, जो नहीं मिला। मगर, टूरिज्म और भंडारण आदि के प्रोत्साहन से रियल एस्टेट को अप्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है। कुछ राहत यातायात व्यवस्था से मिल सकती है।-नीरव निमेष, रियल एस्टेट कारोबारी